अब चलायें जर्मनी में भी देसी गाड़ी

Company ‘Green Rent’ which is specialized in alternative fuel systems for cars has started  selling cars of Indian brand ‘Tata’ in Germany since January 2009. According to them, these cars are not only environment friendly, cost effective but also are good in quality. They also offer cars and utility vehicle from Tata by equipping with natural gas or LPG engines.

जर्मनी निवासी भारतीयों के लिये अच्छी खबर। अब जर्मनी के तेज़ और स्पाट हाईवे पर भी आप देसी गाड़ियों का मज़ा ले सकते हैं। ग्रीन रेण्ट नामक कम्पनी ने जर्मन बाज़ार में भारतीय गाड़ियों को लाकर नये मानक स्थापित किये हैं। जनवरी 2009 से लेकर जर्मनी में टाटा की गाड़ियां बेचना शुरू करके पहले ही वर्ष में उन्होंने सन्तोषजनक सफलता पायी है। यह कम्पनी ecological mobility यानि ‘पारिस्थिकी गतिशीलता’ में विश्वास करती है। यानि कम कीमत पर यातायात के ऐसे साधन उपलब्ध करवाना जो पर्यावरण के अनुकूल भी हों, और गुणवत्ता में उत्तम भी हों, न कि बेहद ईन्धन पीने वाली, तेज़ गाड़ियां उपलब्ध करवाना। लम्बे समय से वह गाड़ियों के लिये गैस इञ्जन प्रदान करती रही है, खासकर इटली की Landi renzo नामक कम्पनी के इञ्जन। पर फिलहाल वह टाटा की गाड़ियों की ओर अधिक केन्द्रित है।

कम्पनी के संस्थापकों में से एक गुन्तर बेण्टहाउस (Gunter Benthaus) कहते हैं  ‘पर्यावरण और सामाजिक प्रतिबद्धता के मामले में टाटा की नीतियां हमसे बहुत मिलती जुलती हैं। टाटा अपने शुद्ध लाभ का 66% बुनियादी सामाजिक ढांचे विकसित करने, बच्चों के लिये स्कूल बनवाने, अन्धों, पीड़ितों या अपंग लोगो के लिये आधार-भूत संरचनायें विकसित करने के लिये लगाती है। इसलिये हमने टाटा की कारों का जर्मनी में विक्रय करने की सोची। अभी तक हमारा जर्मनी के लगभग 45 कार डीलरों के साथ गठबन्धन हो चुका है। पिछले वर्ष मार्च में टाटा कारों का विक्रय शुरू करने के बाद पहले ही वर्ष 200 से अधिक कारें बेच डाली हैं, वो भी बिना किसी बड़ी कम्पनी की मदद के। Dacia ने भी जर्मन बाज़ार में सस्ती कारें लाने के बाद पहले वर्ष में तीन सौ कारें बेची थीं। लेकिन उनके पीछे Renault जैसी बड़ी कम्पनी का हाथ था। उससे तुलना करें तो हम अपने परिणामों से सन्तुष्ट हैं। हम अब बड़े ब्राण्ड वाले डीलरों के साथ भी काम कर रहे हैं। हाल में एक प्रदर्शनी में ग्रीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Jürgen Trittin ने भी पर्यावरण के मामले में हमारी कोशिशों को बहुत सराहा था (नीचे फोटो)। टाटा की कारें सस्ती, पर्यावरण के अनूकूल होने के साथ साथ गुणवत्ता में भी उत्तम हैं। मैं खुद मार्किटिंग के लिये हमेशा टाटा की कार चलाता हूं। हर सप्ताह कम से कम चार पांच सौ किलोमीटर गाड़ी चल जाती है। फिर भी मुझे कभी इन गाड़ियों से शिकायत नहीं हुयी। जर्मन हाईवे पर वे पौने दो सौ किलोमीटर प्रति घण्टा की गति से आराम से चलती हैं। यात्री कारों के साथ साथ टाटा सफ़ारी और खेती बाड़ी के क्षेत्र में टाटा क्ज़ेनॉन (Xenon) की भी अच्छी मांग है।’

 

कम्पनी प्रोफाइल-
ग्रीन रेण्ट (Green Rent) नामक कम्पनी एक निजी संगठन है जिसका मुख्य लक्ष्य जर्मन बाज़ार में कम मूल्य में उच्च गुणवत्ता और पर्यावरण के अनुकूल कारों और पुर्जों को उपलब्ध करवाना है। कई अन्य देशों की तरह जर्मनी में भी बहुत से लोग अपना जीवन-स्तर और गतिशीलता बनाये रखने के लिये सस्ती प्रौद्योगिकियों पर निर्भर हैं। आज वैश्वीकरण के ज़माने में पर्यावरण और युवा पीढ़ी के भविष्य को देखते हुये ये मुद्दे बहुत प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो गये हैं। अब तो जर्मनी के कई बड़े कार डीलर और रिपेयर गेराज भी हमारे लक्ष्यों और उत्पादों में विश्वास करने लगे हैं। दिन प्रतिदिन हमारे व्यापार भागीदारों की संख्या बढ़ रही है जो हमें दिखा रहा है कि जो रास्ता हमने चुना है, वह ठीक है। हम रसोई गैस से चलने वाले मल्टीप्वाईण्ट इञ्जेक्शन सिस्टम वाले इञ्जन जैसी वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के साथ साथ टाटा जैसी सस्ती और अच्छी गाड़ियां भी प्रदान कर रहे हैं।

 

गतिशीलता के लिये पर्यावरण के अनुकूल समाधानों को लेकर हमारे और टाटा कम्पनी की दर्शन और नीतियों में बहुत समानता है। टाटा की कारों का मतलब पर्यावरण संरक्षण या सस्ती कारों की ओढ़ में पुरानी या गई गुज़री प्रौद्योगिकी की कारें बेचना नहीं बल्कि रसोई गैस, बायो गैस, विद्युत या हवाई दबाव ऊर्जा से चलने वाली भविष्य की कारें बेचना है। हमारी नज़र में टाटा ‘सबके लिए समानता और गतिशीलता’ का सबसे बड़ा उदाहरण है। जैसे हाल ही में भारत की सबसे सस्ती कार ‘नैनो’ की हज़ारों कारें ड्रा के द्वारा बेची गईं हैं, न कि सबसे ऊंचे दाम लगाने वालों को।

हमारे भागीदार भी हमारे इस दर्शन में विश्वास करने लगे हैं कि

व्यवहार में इसका मतलब है कि हम उन भागीदारों की वित्तीय मदद करते हैं जो ट्रेनियों को प्रशिक्षण और रोज़गार देते हें। हम अपने तथा व्यापार भागीदारों द्वारा चलाये जा रहे प्लेस्कूलों को प्रायोजित करते हैं। हम बच्चों वाले और सामाजिक तौर पर कमज़ोर परिवारों को गतिशीलता प्रदान करने के लिये प्रायोजक ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम छोटे खुदरा विक्रेताओं और मरम्मत गेराजों को अस्तित्व बनाये रखने के लिये भी मदद देते हैं। क्योंकि यह हमारा विश्वास है कि हम मिलकर अपना जीवन-स्तर सुधारने के लिये उन बड़ी आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक समस्याओं को हल कर सकते हैं।

सामाजिक प्रतिबद्धता हमारी कम्पनी नीति का एक अभिन्न अंग है। हमें याद रखना चाहिये कि हम पृथ्वी का छोटा सा हिस्सा हैं। यह पृथ्वी हमारी नहीं है, बल्कि इसे हमने रहने के लिये किराये पर लिया है। यही ग्रीन रेण्ट की नीति है। हमें इसे रहने लायक बनाये रखने के लिये अधिकतम प्रयास करने चाहिये। वर्ना आप अपने मित्र को अपनी कार उधार देते समय क्या आशा करते हैं? सामाजिक और पर्यावरण परिवर्तन पाने के लिये हर किसी को योगदान देना होगा। अब बदलाव का समय आ गया है। शिकारी पूञ्जीवाद से अब हम कर्म और सामाजिक पूञ्जीवाद की ओर बढ़ रहे हैं। हमारा भविष्य हमारी आज की पसन्द और आज के निर्णयों पर निर्भर करता है। सांझे पर्यावरण लक्ष्य – सांझे पर्यावरण पथ। आईये एक पारिस्थितिकी भविष्य के लिये सांझा आधार बनायें। हमारे बच्चे हमारे धन्यवादी होंगे।
http://greenrent.de/

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